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भारत रोॅ धरती / राजकुमार

भारत रोॅ धरती नें देने छै ईंजोर, सगर नाचै छै भोर
ऐंगना में नाचै छै श्यामल किशोर, सगर नाचै छै भोर

हरियर छै खेत-खेत, हरियर छै क्यारी
किसिम-किसिम फूलोॅ सें, सजलोॅ फुलवारी
एक रंग गंध छंद, छंद में विभोर, सगर नाचै छै भोर
ऐंगना में नाचै छै श्यामल किशोर, सगर नाचै छै भोर

देलकै ई धरती नें, प्रेम रोॅ कहानी
अलग-अलग भाषा में, एक रंग वानी
पिपरोॅ के गाछी सें चिरईं के शोर, सगर नाचै छै भोर
ऐंगना में नाचै छै श्यामल किशोर, सगर नाचै छै भोर

नदी-नदी मिलै जहाँ, खिलै छै किनारा
रूप-रंग-राग सगर, देनें छै सितारा
सातो सुर सें पुलकित सुरुज पोरे-पोरे, सगर नाचै छै भोर
ऐंगना में नाचै छै श्यामल किशोर, सगर नाचै छै भोर

गीता बाइबल कुरान गूढ़ गुरुवानी
हमरोॅ हिमवान छिकै, धरती रोॅ पानी
शतदल पर शंख ‘राज’, करै छै अनोर, सगर नाचै छै भोर
ऐंगना में नाचै छै श्यामल किशोर, सगर नाचै छै भोर