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भावे री बन्ना राम सलौना / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

भावे री बन्ना राम सलौना
श्यामली सूरत माधुरी मूरत
चितवन में सखी डारत टोना। भावे री...
ब्याह विभूषण सोहत सुंदर,
देखि रूप छवि बरन सकों ना। भावे री...
जनक नगर में कहर मचो है,
भूले पलक-ललक सुख सोना। भावे री...
कंचन कुंअरि बन्ना दशरथ को,
मो जीवन धन जगत निरौना। भावे री...