भिखमगें से प्यार
बड़ी ही हंसी की
बात
पागल हो क्या
प्यार कभी भिखमगें से होता है
तुम्हें मालूम नही
मेरी जूती का मूल्य
तुम्हें मालूम नही
प्यार आजकल क्या देखता
यह शीर्षक इस कविता से हटा
देना चाहिये
भिखमगें से प्यार
बड़ी ही हंसी की
बात
पागल हो क्या
प्यार कभी भिखमगें से होता है
तुम्हें मालूम नही
मेरी जूती का मूल्य
तुम्हें मालूम नही
प्यार आजकल क्या देखता
यह शीर्षक इस कविता से हटा
देना चाहिये