बाहर का उगा पेड़
भीतर उगता है
उखड़ता है कई बार जड़ से
बाहर की धधकती आग
धधकती है भीतर
बुझाने को बाहर की आग
बुझ-बुझ कर धधकती है
धधक कर बुझती है भीतर की आग
फैलती जा नहीं पाती बाहर नहीं भड़कती
बाहर का उगा पेड़
भीतर उगता है
उखड़ता है कई बार जड़ से
बाहर की धधकती आग
धधकती है भीतर
बुझाने को बाहर की आग
बुझ-बुझ कर धधकती है
धधक कर बुझती है भीतर की आग
फैलती जा नहीं पाती बाहर नहीं भड़कती