-सुनों इसे
टीना!
‘कला
एक नृत्यरत
बगीचा है।
एक
उत्सव है
सागर का।
नृत्य
करती नदियाँ हैं
मंच पर
टीना!
तुम्हारी लय
तुम्हारी भंगिमा
मेरे भीतर
एक उत्सव
है सजीव।
-सुनों इसे
टीना!
‘कला
एक नृत्यरत
बगीचा है।
एक
उत्सव है
सागर का।
नृत्य
करती नदियाँ हैं
मंच पर
टीना!
तुम्हारी लय
तुम्हारी भंगिमा
मेरे भीतर
एक उत्सव
है सजीव।