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भूख : पांच / ओम पुरोहित ‘कागद’

भूख टिरै
टाबर रै मुंडै
जकी नै जाणैं
फगत मा
टाबर नीं जाणै
पेट री भूख
मा री मैक
टाबरी री भूख
मा रो परस
भूख री मुगती!