भूल जाना सभी कुछ
आकाश जैसे
बादलों को भूल जाता है।
भूलता नहीं पर पानी
फिर-फिर लौट आता है
फिर से उमड़ने-घुमड़ने के लिए
उस आकाश में।
(1992)
भूल जाना सभी कुछ
आकाश जैसे
बादलों को भूल जाता है।
भूलता नहीं पर पानी
फिर-फिर लौट आता है
फिर से उमड़ने-घुमड़ने के लिए
उस आकाश में।
(1992)