Last modified on 1 जुलाई 2010, at 20:02

भूली पहचान / कर्णसिंह चौहान


वासंती फूल सा
खिला बच्चा
कभी कभार
सड़क पर
मां से मिल जाता है
हाथ हिलाता है
आंखों में ढ़ूंढता
भूली पहचान
तुरत भाग
बच्चों में खो जाता है।