भूल जो करता नहीं कोई, असल में,
देवता है, वह न कोई काम करता है।
शून्य को भजता सदा सुनसान में रहकर,
मनसदों पर लेटकर आराम करता है।
भूल जो करता नहीं कोई, असल में,
देवता है, वह न कोई काम करता है।
शून्य को भजता सदा सुनसान में रहकर,
मनसदों पर लेटकर आराम करता है।