भूल तज भज राम सनेही।
कपट कुसंग छांड़ छल छद्रिम कर विश्वास नाम पर नेही।
अपनो कहत जात सपनो सो अंतकाल नहिं आवत तेही।
जो भौसागर अगम भरो है वही जात दुरलभ या देही।
कर सतसंग साद गुरु सेवा जूड़ीराम भक्त उर लेही।
भूल तज भज राम सनेही।
कपट कुसंग छांड़ छल छद्रिम कर विश्वास नाम पर नेही।
अपनो कहत जात सपनो सो अंतकाल नहिं आवत तेही।
जो भौसागर अगम भरो है वही जात दुरलभ या देही।
कर सतसंग साद गुरु सेवा जूड़ीराम भक्त उर लेही।