Last modified on 12 सितम्बर 2018, at 18:24

भेंट / ककबा करैए प्रेम / निशाकर


जखन-जखन
अहाँसँ मिलन होइए
हमर मोन
गंगा नहयबा-सन
प्रफुल्लित
आ टटका भऽ जाइए।

जहिना अकासकें शोभा बढ़ा दइए
थोड़बे कालक लेल
इन्द्रधुनष
ओहिना हमर मोनकें रंगि दइए
शोभा बढ़ा दइए
अहाँक भेंटब।