देखूँ भैया की किताब में
क्या-क्या लिखा हुआ है?
'क' से नहीं कबूतर इसमें,
'घ' से घड़ी नहीं है
और एक से लेकर सौ तक
गिनती लिखी नहीं है।
कहीं चित्र भी हाथी-घोड़े
का न बना हुआ है।
ए.बी.सी.डी. का भी इसमें
पता नहीं लगता है,
इस किताब के अन्दर मुझको
सब गड़बड़ लगता है।
जबसे इसको हाथ लगाया
माथा फिर हुआ है।