गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 5 जुलाई 2010, at 18:28
भोर की कटोरी / मनोज श्रीवास्तव
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
मनोज श्रीवास्तव
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
भोर की कटोरी
दूब-सरिस दांत लिए
मुख खोले मलय भरी
किरण-तार झन-झन से
छलक रही
गमक रही
भोर की कटोरी.