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भोले बाबा सें / कस्तूरी झा 'कोकिल'

कौनें करतै भोले बाबा नैया, हमरोॅ पार हो?
बड़ी पुरानी झंझरी अलगे फँसली छै मझधार हो।
जब ताँय राखबै।
नीकोॅ राख बै।
गलती सलती।
माफोॅ कर बै।
बाहूँ बल अब नैं कुछ हमरा, नैं कोनों आधार हो।
बड़ी पुरानी झंझरी अलगे फँसली छै मझधार हो।
पत्नी जब सें स्वर्ग सिधारलै,
बड़ी ऊछीनोॅ लागै छै।
दिन पहाड़ रात भर काँटा
राम कहानी जागै छै।
घोॅर दरवाजा सुन-सुन बाबा सूता सब संसार हो।
कौनें करतै भोले बाबा नैया, हमरोॅ पार हो?
बड़ी पुरानी झंझरी अलगे फँसली छै मझधार हो।
अपनें झंझरी अलगे फँसली छै मझधार हो।
अपनें केॅ छोड़ी केॅ बाबा
के सुनतै हमरोॅ दुखड़ा?
माता, पिता, पितामहोनै छै।
किन्खा कहबै हो पीड़ा?
आगाँ कुवाँ पाछाँ खाई जीवन बड़ी अनहार हो।
कौनें करतै भोले बाबा नैया, हमरोॅ पार हो?
बड़ी पुरानी झंझरी अलगे फँसली छै मझधार हो।

महाशिवरात्रि सं. 202-3 सोमवार

06/03/16 रात्रि के साढ़े सात बजे।