Last modified on 16 अप्रैल 2010, at 20:33

भ्रम / विश्वनाथप्रसाद तिवारी

एक बहुत बड़ा भ्रम
बन गया है मेरा विश्वास
नश्वर हूँ फिर भी
रोज़-रोज़ करता हूँ
अमरत्व के प्रयास।