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मंगलवार से शनिवार तक
रेगिस्तान था सिर्फ़
कितनी लम्बी
उड़ान थी वह
सात हज़ार मील की
केवल एक उड़ान
अबाबीलों ने
जल के रास्ते
उड़ान भरी मिस्र के लिए
चार दिन तक
लटकी रहीं वे
आकाश में
पर समेट नहीं पाईं
अपने पंखों में जल
(रचनाकाल : 1915)
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मंगलवार से शनिवार तक
रेगिस्तान था सिर्फ़
कितनी लम्बी
उड़ान थी वह
सात हज़ार मील की
केवल एक उड़ान
अबाबीलों ने
जल के रास्ते
उड़ान भरी मिस्र के लिए
चार दिन तक
लटकी रहीं वे
आकाश में
पर समेट नहीं पाईं
अपने पंखों में जल
(रचनाकाल : 1915)