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मंत्र / लीलाधर मंडलोई


श्रमिक होती हैं मधुमक्खियां
फूलों से पराग
और मकरंद करती हैं इकट्ठा
अपने टांगों में बनी
उस टोकरी में
जो दीखती नहीं

मधुमक्खियां तैयार
करती हैं शहद
और करती हैं रक्षा
बाहरी आक्रमण से उसकी

घिरे हुए हैं हम अनेक दुश्‍मनों से
और रक्षा नहीं कर पाते

हमने मधुमक्खियों से सीखा नहीं यह मंत्र