Last modified on 6 अक्टूबर 2015, at 05:35

मक्की और चक्की / जगदीशचंद्र शर्मा

हिरन कहीं से लेकर आया
बोरे में भर मक्की,
उसकी घरवाली जंगल में
लगी पीसने चक्की।
निकला कोई शेर उधर से
करने सैर-सपाटा,
प्राण बचाकर हिरनी भागी
धरा रह गया आटा।