दुख उन्हीं का होता है
जिनसे कभी मिला था सुख
अभाव सालता है उन चीज़ों का
जिनके प्रति
रहा था कभी कोमल भाव
छटपटाता है आदमी
इन विपरीतों से मुक्ति के लिए
पर
बड़ी कमज़ोर होती है
आदमी की पकड़
दुख उन्हीं का होता है
जिनसे कभी मिला था सुख
अभाव सालता है उन चीज़ों का
जिनके प्रति
रहा था कभी कोमल भाव
छटपटाता है आदमी
इन विपरीतों से मुक्ति के लिए
पर
बड़ी कमज़ोर होती है
आदमी की पकड़