निशि ने जब मोती-कण लेकर
दूबों का रच दिया सुहाग;
मंजु चूनरी में ऊषा ने
भरा जवानी का अनुराग।
चिटक उठीं कलियाँ यह लखकर,
गमक उठा सारा उपवन।
पर, किरणों ने आकर लूटा
जीवन का वह मधुमय राग।
-1932 ई.
निशि ने जब मोती-कण लेकर
दूबों का रच दिया सुहाग;
मंजु चूनरी में ऊषा ने
भरा जवानी का अनुराग।
चिटक उठीं कलियाँ यह लखकर,
गमक उठा सारा उपवन।
पर, किरणों ने आकर लूटा
जीवन का वह मधुमय राग।
-1932 ई.