मधु मंजरि, अलि, पिक-रव, सुमन, समीर- नव-वसन्त क्या जाने मेरी पीर! प्रियतम क्यों आते हैं मधु को फूल, जब तेरे बिन मेरा जीवन धूल? लाहौर, अगस्त, 1936