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मनाही / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल

हृदय में धड़कन
आँखों में तरलता
रक्त में उष्णता
आत्मा में ईश्वर
शरीर में जीवन और
कविता में शब्द की तरह
रहता है वह

और मनाही है उसे
अपना कहने की।