सूना-सूना हृदय कि जिसका गान खो गया है
बुझा दीप या टूटा तारा,
मरु उदास या सूखी धारा,
वह तममय मंदिर, जिसका
भगवान खो गया है
अपना ही अवसान निराला,
सांस-सांस विध्वंसक ज्वाला,
डगमग-पग राही, जिसका
संधान खो गया है
सूना-सूना हृदय कि जिसका गान खो गया है