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मन्दार बोलै छै / रामनन्दन 'विकल'

मन्दार बोलै छै
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रचनाकार रामनन्दन 'विकल'
प्रकाशक अंगिका विकास समिति, दुमका
वर्ष 1993
भाषा अंगिका
विषय
विधा कविता
पृष्ठ 24
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

नोट: इस संकलन में केवल दो रचनाएँ ही हैं।