मन केरो जेवो चंद्र छे। रास रमे नंद लालो रे॥ध्रु०॥
नटवर बेश धर्यो नंद लाले। सौ ओघाने चालोरे॥१॥
गानतान वाजिंत्र बाजे। नाचे जशोदानो काळोरे॥२॥
सोळा सहस्त्र अष्ट पटराणी। बच्चे रह्यो मारो बहालोरे॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। रणछोडे दिसे छोगळोरे॥४॥
मन केरो जेवो चंद्र छे। रास रमे नंद लालो रे॥ध्रु०॥
नटवर बेश धर्यो नंद लाले। सौ ओघाने चालोरे॥१॥
गानतान वाजिंत्र बाजे। नाचे जशोदानो काळोरे॥२॥
सोळा सहस्त्र अष्ट पटराणी। बच्चे रह्यो मारो बहालोरे॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। रणछोडे दिसे छोगळोरे॥४॥