तुझ पे कुर्बान हुआ, मन रसखान हुआ । जाना जब नाम तेरा, खुद अपना ज्ञान हुआ । आकर तीरे लैब पर, ये गीत अज़ान हुआ । उल्लेख तेरा जिसमें, वो शेर दीवान हुआ । तुझको चाहा भर था, कितना तूफान हुआ ।