लाणा बाणा था, न्हाणा खाणा था याणा स्याणा था
मरग्या बाप लड़ाई मैं।टेक
आज हम बणे शेर तै शाल
ये होणी नै करे कमाल
सुणा द्यूं दुखिया मां का हाल
दुखियारी भारी थी, बिचारी न्यारी थी, महतारी म्हारी थी
लागी जोर पढ़ाई मैं।
एक जगह पै जमता ना ध्यान
उस का कित होगा कल्यान
तेरा दिल सै बेइमान
मनै अल दलग्या, फेर रलफलग्या, जलबलग्या
मैं जैसे तेल कढ़ाई मैं।
बाज लिया सारे कै ढ़ोल
दुनियां करती फिरै मखौल
प्यारी मतना आगै बोल
गुमसुम जांगे, दमथम जांगे, हम तय जांगे
उस सुली गड़ी गडाई मैं।
क्यूंकर काम जाट चलज्या
जब या घाल बिघन की घलज्या
लखमीचन्द कह था सांग मैं रलज्या
मेहर सिंह कह था गाणा बन्द था, पसन्द छन्द था
किस की करुं बड़ाई मैं।