तुम मिले दुनिया मिली है
बहुत प्यारी, बहुत प्यारी
दूर मत जाना कभी मुझसे
मरण मत देना
मिल गया है गगन सारा
मिली धरती मुझे सारी
फूल के गुच्छे मिले हैं
नहीं लगते मुझे भारी
घटा बन कर छाँहते रहना
तपन मत देना
दूर मत जाना कभी मुझसे
मरण मत देना
काँच की दीवार था मैं
जग मुझे पथरा रहा था
कलेवा मुझको बना कर
बस मजे में खा रहा था
इस जगत को भूल से भी
शरण मत देना
दूर मत जाना कभी मुझसे
मरण मत देना
चाह तेरी वाह-सी है
दे रही मुझको सहारा
राह मुझको दिखाती है
तम निशा में बन सितारा
साथ में अपने रखो तुम
भुवन मत देना
दूर मत जाना कभी मुझसे
मरण मत देना
उम्र अब छोटी बची है
हो गई है साँस पतली
अन्न दाना नहीं पचता
बराबर आती है मितली
अब मुझे चलना नहीं है
चरण मत देना
दूर मत जाना कभी मुझसे
मरण मत देना