वे (क्षुप) लोक भी हो सकते हैं वे (चट्टानें) ऊँटों की क़तार भी हो सकती हैं वह (सिहरती हवा) पानी भी हो सकती है मैं (मृग) मरीचिका भी हो सकता हूँ।