चट्टान से टकरा कर हवा उसी के पैरों में लिख जाती है लहरीले सौ-सौ रूप और तुम्हारे रूप की चट्टान से लहराता टकरा कर मैं? अपने ही जीवन की बालू पर अपनी साँसों से लिखा रह जाऊँगा।