महल से झोंपड़ी तक एकदम घुटती उदासी है
किसी का पेट खाली है किसी की रूह प्यासी है
खुदा का वास्ता दे कर किसी का घर जला देना
यह मज़हब की वफादारी हक़ीक़त में सियासी है
महल से झोंपड़ी तक एकदम घुटती उदासी है
किसी का पेट खाली है किसी की रूह प्यासी है
खुदा का वास्ता दे कर किसी का घर जला देना
यह मज़हब की वफादारी हक़ीक़त में सियासी है