भाषा केर अंजलिमे भरि कय
श्रद्धाके रवि फूल
आयल छी ई कविकोकिल हम
तोहर स्मृति-कूल
गीत तोहर जगत करइत अछि
एखनउँ सूतल प्रान
तइँ प्रति बर्ख करइ छी सभ मिलि
तोहर चर्चा ध्यान
आबह मिथिलामे पुनि आबह
बनि जन-जीवन सूर्य्य
रति अभिसार कतेक लिखने छ’
जगबह क्रान्तिक तूर्य्य
देस जरइए, लोक मरइए
वस्त्र भेटय ने अन्न
राधा तोहर बेचि रहलि छथि देह
कृष्ण तोहर अवसन्न
हे कवि-कुल-गौरव हे विद्यापति
राखह देशक लाज
आबह कंसक राज हटाबह
लाबह कृष्णक राज
तोहर स्मृति-जलसँ भरइ छी
सूखल सरिता-प्रान
इएह हमर श्रद्धांजलि थिक आ
इएह हमर आह्वान
-मिथिला दर्शन: दिसम्बर, 1957