Last modified on 12 अगस्त 2011, at 10:15

महा युद्ध / सुरेश यादव

खाकर कोई केला
फेंकता है छिलका
और
कोई निरपराध
बीच सड़क पर गिरता है
दूर खड़ा कोई जब
जोर-जोर से हँसता है

महायुद्ध
धीरे-धीरे इसी तरह रचता है
फिर कोई
बरसों तक नहीं हँसता है।