महिला सुरक्षाकर्मी / संजय कुंदन

जब वह सड़क पर दिखती है मुस्तैद खड़ी
तो कोई उसकी नथ देखता है
और चौंक उठता है - अरे, यह नथ भी पहनती है
कोई उसके हाथों की ओर देखता है और आश्चर्य करता है
अरे यह मेहँदी भी लगाती है

कोई करता है प्रश्न
क्या यह खड़ी रह पाती होगी धूप में घंटों इसी तरह

उस महिला सुरक्षाकर्मी को घूर रहे मर्दों को क्या मालूम
कि यह उस औरत की बेटी है
जो रोज दस मील चल कर
किसी बीहड़ से निकाल कर लाती रही है पानी
उसी माँ ने दिया है इसे अपना कलेजा!

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.