हमारी माताएँ
जा रही हैं पास से हमारे
चुपचाप, दबे पाँव
वे गुज़रती जा रही है
और हम
भरपेट भोजन कर
गहन तंद्रा में पड़े हैं
हमें नहीं है कोई ख़्याल
बड़ा भयानक है यह काल
नहीं, अचानक नहीं जातीं
माँएँ हमारे पास से
एकाएक नहीं छोड़तीं वे देह
हमें लगता है सिर्फ़ ऎसा
जब अचानक
हम नहीं पाते उनका नेह
धीरे-धीरे
छिजती जाती हैं वे
धीरे-धीरे छिलती जाती है
हल्के क़दमों से बढ़ती हैं
सीढ़ियाँ उम्र की चढ़ती हैं
कभी-कभी
ऎसा होता है अचानक
बेचैन हो जाते हैं हम किसी वर्ष
मनाते हैं उनका जन्मदिन
हल्ला-गुल्ला करते हैं सहर्ष
लेकिन
यह होता है हमारा
बड़ी देर से किया गया हवन
हम बचाव नहीं कर सकते इससे
अपनी अंतरात्मा का
इससे नहीं बच पाता उनका जीवन
वे सब छोड़
चली जाती हैं
हमसे मुँह मोड़
चली जाती हैं
हम जब तक उनकी परवाह करें
गहरी तन्द्रा से जगें
हाथ हमारे उठें अचानक
ख़ुदा की दुआ में
पर जैसे वे टकराते हैं
ऊपर कहीं हवा में
पैदा हो जाती है वहाँ शीशे की दीवार
देर हो गई बहुत हमें, भाई
अब क्या करें विचार
काल भयानक निकट आ गया
महाकाल हमें भरमा गया
आँसू भरी आँखों से अब
हम देख रहे हैं सारे
कैसे चुपचाप, एक-एक कर
माँएँ स्वर्ग सिधारें
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय