अँधियारा जब-जब गहराता,
अपनी भौंहे बहुत चढ़ाता।
नींद उचट जाती माँ मेरी,
अनजाना भय खूब डराता।
ममतामयी गोद पाकर तेरी,
सुकून से सो मैं हूँ जाता।
अँधियारा तब नहीं डराता,
समीप जब-जब तुम्हें हूँ पाता।
अँधियारा जब-जब गहराता,
अपनी भौंहे बहुत चढ़ाता।
नींद उचट जाती माँ मेरी,
अनजाना भय खूब डराता।
ममतामयी गोद पाकर तेरी,
सुकून से सो मैं हूँ जाता।
अँधियारा तब नहीं डराता,
समीप जब-जब तुम्हें हूँ पाता।