हुलस कर
बह उठती है
एक मीठी नदी
जब
पुल बन जाती है
माँ
पिता और बच्चे के बीच
हरिया उठता है
उपवन
रेतीले किनारों पर
हुलस कर
बह उठती है
एक मीठी नदी
जब
पुल बन जाती है
माँ
पिता और बच्चे के बीच
हरिया उठता है
उपवन
रेतीले किनारों पर