माँ, जिसने मुझे जन्म दिया
मेरे लिए
जरूरत बेजरूरत
मरने को भी तैयार हो
जाएगी
बिना एक पल खोए!
पिता नहीं!
मै कृति हूँ माँ की
ऐसी चित्र-कृति
जिसमे उँड़ेल दिए थे उसने
अपने सारे रंग
सारी साँसे, सारे सपने!
पिता तो बस
ईजल रखकर जा चुका था!