Last modified on 27 मई 2021, at 15:54

माँ को ख़त / विवेक चतुर्वेदी

माँ ! अक्टूबर के कटोरे में
रखी धूप की खीर पर
पंजा मारने लगी है सुबह
ठण्ड की बिल्ली ...
अपना ख़याल रखना माँ !