Last modified on 28 नवम्बर 2013, at 13:42

मांदो मन / कन्हैया लाल सेठिया

चाहीजै
खिणखिण कोई
बंधाणियो
थ्यावस

धाप’र निमळाई ?
कुण है इस्यो
जकै रै कोनी
कीं अबखाई ?
पड़ै जकां नैं बपराणां
रोजीना दाणा
जे बै
लियावै इसी कायरी
किंयां चाखता
जीवण रै मधु रो
मिठास
किंयां हूंतो
सिरजण’र विकास ?