मां,
मां का संबंध
मनुष्य के शरीर से नहीं
उस की आत्मा से होता है ।
मां,
मनुष्य की जीवन-जड़ी होती है
तभी तो
अपने अंतिम समय में
मां को पुकारता है
मनुष्य ;
सचमुच मां
भगवान से बड़ी होती है ।
अनुवाद : नीरज दइया
मां,
मां का संबंध
मनुष्य के शरीर से नहीं
उस की आत्मा से होता है ।
मां,
मनुष्य की जीवन-जड़ी होती है
तभी तो
अपने अंतिम समय में
मां को पुकारता है
मनुष्य ;
सचमुच मां
भगवान से बड़ी होती है ।
अनुवाद : नीरज दइया