माता कहे मेरो पूत सपूत
बहिन कहे मेरो सुन्दर भैया
बाप कहे मेरे कुल को है दीपक
लोक लाज मेरी के है रखैया
नारि कहे मेरे प्रानपती हैं
जाकी मैं लेऊँ दिनरात बलैया
कवि गंग कहे सुन शाह अकबर
गाँठ में जिनकी है ढेरों रुपैया
माता कहे मेरो पूत सपूत
बहिन कहे मेरो सुन्दर भैया
बाप कहे मेरे कुल को है दीपक
लोक लाज मेरी के है रखैया
नारि कहे मेरे प्रानपती हैं
जाकी मैं लेऊँ दिनरात बलैया
कवि गंग कहे सुन शाह अकबर
गाँठ में जिनकी है ढेरों रुपैया