मैंने ख़ुद को कर लिया है
ख़ुद में रूपांतरित ,
पल-पल
टुकड़ों में बँटे
शब्द-पथ पर
मातृभाषा
जड़ती है
मानव पच्चीकारी II
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित
मैंने ख़ुद को कर लिया है
ख़ुद में रूपांतरित ,
पल-पल
टुकड़ों में बँटे
शब्द-पथ पर
मातृभाषा
जड़ती है
मानव पच्चीकारी II
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित