मायड़भासा स्यूं 
कटेड़ो
जद-कद ई 
सुणल्यूं 
बीं रो कोई 
भूलेड़ो-बिसरेड़ो सबद 
याद आ ज्यावै 
गंव-गुवाड़ 
घर-आंगण 
बै दिन 
जकां मांय पक्यै करतो 
दिमाग में ओ सबद 
अर म्हैं 
डूबण-तिरण 
लाग ज्याऊं 
हरख रै 
अेक समंदर में।
मायड़भासा स्यूं 
कटेड़ो
जद-कद ई 
सुणल्यूं 
बीं रो कोई 
भूलेड़ो-बिसरेड़ो सबद 
याद आ ज्यावै 
गंव-गुवाड़ 
घर-आंगण 
बै दिन 
जकां मांय पक्यै करतो 
दिमाग में ओ सबद 
अर म्हैं 
डूबण-तिरण 
लाग ज्याऊं 
हरख रै 
अेक समंदर में।