मायने बदल जाएंगे
फूलों के
आयु के साथ
तब न होगा
सन्ताप
न चाह
कि बेसाख़्ता तोड़ लें
वृक्ष से
एक ख़ुशी
और इस बात को
तत्काल भूल जाएँ
मायने बदल जाएंगे
फूलों के
आयु के साथ
तब न होगा
सन्ताप
न चाह
कि बेसाख़्ता तोड़ लें
वृक्ष से
एक ख़ुशी
और इस बात को
तत्काल भूल जाएँ