प्यार सिखलाया बड़ों ने
मार्ग दिखलाया बड़ों ने
अब हमें झुकना न होगा
अधर में रुकना न होगा
अब नहीं हम दीन है
अब नहीं मति हिन हैं
है सदा ही पूज्य माता
जन्म का है नेह नाता
है किया पोषण पिता ने
ज्ञान सिखलाया गुरु ने
है पिता भी पूज्य हमको
हैं गुरु भी पूज्य हमको
मंत्र सिखलाया बड़ों ने
मार्ग दिखलाया बड़ों ने॥