देश के असली खेवनहार
नेता अफ़सर ठेकेदार !
सारी दौलत के हक़दार,
राष्ट्र-भक्त झण्डाबरदार !
इनकी तिकड़म का संसार
करदे शासन को लाचार,
हमको तुमको बे-घरबार
ये मशहूर बड़े बटमार !
दुष्टाचारी हैं मक्कार,
है धिक्कार इन्हें धिक्कार !
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गूँजी किसकी यह ललकार —
जागी जनता, भागो यार !