बूरा वख्त मेॅ आबै काम
करै वों दिन भर बस आराम
खाना खाबै छै जें सुक्खा
के सखि जाता? नै सखि चुक्का
दुनिया भर केॅ नाच-नचाबै
छोटका-बड़का काम कराबै
सब गुलाम, नेता या मुखिया
के सखि भगवन? नै सखि रुपया
सौंसे जग केॅ राह दिखाबै
सब्भे दुविधा केॅ सुलझाबै
छोड़े मन पेॅ अमिट निशानी
के सखि साजन? नै सखि ज्ञानी
हँसी-खुशी जें मन मेॅ लाबै
बच्चा सब के मन केॅ भाबै
करै नौकरिया सब नेॅ प्यार
के सखि पैसा? नै एतवार
पहरा दै छै सबके घर मेॅ
बैठै छै घर के बाहर मेॅ
धन-दौलत के जे रखवाला
के सखि पुलिस? नै सखि ताला