याद कोई हृदय मे सजा लीजिये
साज मन का जरा सा बजा लीजिये।
हो रही आज थम थम के बरसात है
इन फ़िज़ाओं का कुछ तो मज़ा लीजिये।।
न तू आयेगा ये माना कभी का
करूँ क्या किन्तु मैं अब अपने जी का।
लिये मैं रौशनी का साथ साधन
निहारूँ पन्थ सारी रात पी का।।
वक्त तो वक्त है हाथों से फिसल जायेगा
भोर जो उगता है वो शाम को ढल जायेगा।
वक्त यारों कभी अच्छा न बुरा होता है
कदर किये बग़ैर यूँ ही निकल जायेगा।।
भाव प्रणय के जग जाने दे
बुझती आग सुलग जाने दे।
आशंकाओं से लिपटे जो
मन के दूर विहग जाने दे।।
मिला आज दर्शन मनोरम घड़ी है
गले पुष्प वन माल सुन्दर पड़ी है।
मुकुट मोर है सोहता श्याम मस्तक
नयन सज रही आँसुओं की लड़ी है।।