Last modified on 31 मई 2010, at 12:59

मुझे असत से / सुमित्रानंदन पंत

मुझे असत् से ले जाओ हे सत्य ओर
मुझे तमस से उठा, दिखाओ ज्योति छोर,
मुझे मृत्यु से बचा, बनाओ अमृत भोर!
बार बार आकर अंतर में हे चिर परिचित,
दक्षिण मुख से, रुद्र, करो मेरी रक्षा नित!